Posts

Land Revenue System in Pre-Independent India ( जमींदारी , रैयतवाडी , महालवाडी व्यवस्थाए )

  रैयतवाडी व्यवस्था  1.रैयतवाडी व्यवस्था का जन्मदाता टाॅमस मुनरो और कैप्टन रीड को माना जाता है । यह व्यवस्था सबसे पहले रीड द्वारा बारामहल जिले में सन् 1792 मे लागू की गई थी । 2.इस व्यवस्था मे प्रत्येक पंजीकृत भुमिदार को भुमि का स्वामी माना गया । 3. य़ह व्यवस्था प्रत्यक्ष रूप से किसानों या आम जनता के साथ लागू की गई , अतः इसे रैयतवाडी कहा गया । 4.1820 में मद्रास ,1825 बंबई और 1858 तक संपूर्ण दक्कन में इसे लागू कर दिया गया था ।  5. इस व्यवस्था के अंतर्गत ब्रिटिश भू -भाग का 51प्रतिशत हिस्सा शामिल था।  6. इसे 30 वर्षो के लिए लागू किया गया । 7. इसकी दर 1/3 प्रतिशत रखी गई ।   जमींदारी व्यवस्था    1. यह व्यवस्था 1790 में लाॅर्ड काॅर्नवालिस ने 10 वर्षो के लिए लागू की थी। 2.  इसके अंतर्गत लगान की वसूली जमींदारों  से की जाती थी , जिस कारण इसे जमींदारी व्यवस्था कहा गया । 3. 1793 में इस व्यवस्था को 10 वर्षो के स्थान पर स्थाई कर दिया गया । इसी कारण इसे स्थायी व्यवस्था भी कहा गया ।  4. लगान वसुली का 10/11 भाग सरकार का तथा शेष 1/11 भाग जमींदारों हेतु निय...